The Ultimate Guide To Shodashi

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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥

हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता

प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?

The supremely gorgeous Shodashi is united in the heart of the infinite consciousness of Shiva. She gets rid of darkness and bestows light. 

The Saptamatrika worship is particularly emphasised for people looking for powers of Management and rule, as well as for those aspiring to spiritual liberation.

ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न here करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।

श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं

The intricate romance between these teams as well as their respective roles during the cosmic purchase is a testomony to your abundant tapestry of Hindu mythology.

मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं

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